निष्पक्ष पत्रकार समाचार/मोहम्मद फैसल सिद्दीकी/बेलहरा बाराबंकी। कोर्ट द्वारा बेलहरा के चेयरमैन प्रतिनिधि के विरुद्ध झूठे मुकदमे को किया गया ख़ारिज बिना सबूत इल्जाम लगाना मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। बताते चले की लखनऊ निवासी एक व्यक्ति द्वारा नगर पंचायत बिलाड़ा अध्यक्ष प्रतिनिधि पर झूठा आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया था। राहत देते हुए दर्ज मुकदमा संख्या 156/3 के आरोप में मानसिक क्रूरता करार देते हुए मुकदमे में को न्यायलय द्वारा किया गया निरस्त आपको बताते चलें कि चेयरमैन प्रतिनिधि अयाज खान के विरुद्ध हर्ष पुत्र अशोक कुमार निवासी आलमनगर लखनऊ द्वारा 18 मई 2024 मे दर्ज कराए गए मुकदमे करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश बलवंत कुमार भारती ने अपने आदेश में कहा बिना किसी से प्रमाण के एक जन प्रतिनिधि पर झूठा मुकदमा दर्ज करना न्याय के विरुद्ध एक कुत्सित प्रयास है। एक सम्मान को ढेस पहुंचाने वाला है इससे जनप्रतिनती के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। जब किसी अधिकारी द्वारा झूठा मामला दर्ज किया जाता है तो आरोप लगाने वाला व्यक्ति बिना सबूत के या दावा नहीं कर सकता की जिन धाराओं में व्यक्ति विशेष के विरुद्ध फर्जी मामला दर्ज कराया गया है उससे संबंधित साक्ष्य दस्तावेजो को किसी सरकारी अधिकारी का गणना अधिकारिक कर्तव्य नहीं हो सकता है। अगर ऐसा कोई पुलिस अधिकारी अवैध दस्तावेजो को सबूत बनाकर न्यायालय में पेश करता है। तो उस पुलिस अधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले पर चेयरमैन प्रतिनिधि अयाज खान से बात की गई तो बताया गया उन्होंने अपनी बात को रखते हुए कहा की हमारे क्षेत्र में नगर पंचायत का एक गैंगस्टर व भू माफिया हैं। वह और उसकी टीम के लोग मेरी छवि को धूमिल करने के लिए एक अनजान व्यक्ति को आधार बनाकर ऐसा कृत्य कर रहे है। लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और निराधार है हमने इनके खिलाफ मानहानि भी कर दिया है। जिस व्यक्ति द्वारा हमारे सामाजिक मूल्य का हनन किया गया। हमारे द्वारा उस व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही के लिए अर्जी दी जा चुकी है।
रिपोटर मोहम्मद फैसल सिद्दीकी बाराबंकी