निष्पक्ष पत्रकार समाचार/मोहम्मद फैसल सिद्दीकी/देंवा बाराबंकी। कानपुर के सीसामऊ से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी 33 महीनों की जेल के बाद जमानत से बाहर आ गए हैं। बृहस्पतिवार देर रात अचानक देवा स्थित हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर जियारत के लिए पहुंचे। खास बात यह रही कि उनका आगमन पूरी तरह गुप्त रखा गया। यहां तक कि स्थानीय सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी इसकी भनक नहीं लगी। इरफान सोलंकी अपनी पत्नी और परिवार के साथ दरगाह पहुंचे। बताया जा रहा है कि परिवार ने उनकी रिहाई के बाद सबसे पहले देवा शरीफ में चादर चढ़ाने का मान रखा था। पुलिस को भी उनके आने की जानकारी सुबह तक नहीं थी। करीब 33 महीने जेल में रहने के बाद इरफान को हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। उन पर आगजनी,जमीन कब्जाने, रंगदारी व फर्जी दस्तावेज तैयार करने जैसे कई गंभीर आरोपों में मामले दर्ज थे। अधिकांश मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी थी लेकिन गैंगस्टर एक्ट में अटके मामले के चलते उनकी रिहाई लंबित थी। मंगलवार को जेल से बाहर आने के बाद उनका यह पहला सार्वजनिक कार्यक्रम माना जा रहा है। राजनीतिक हलकों में इसे लेकर चर्चाएं तेज है।
रिपोटर मोहम्मद फैसल सिद्दीकी बाराबंकी