
निष्पक्ष पत्रकार समाचार/मोहम्मद फैसल सिद्दीकी/महमुदाबाद सीतापुर। बज़्मे शाने अवध महमूदाबाद की तरही मुशायरा-नशिस्त-हर माह की तरह इस बार भी बज़्म के सदर फ़ारूक़ खां चाँद के आवास पर किया गया। बुधवार की रात इस तरही मुशायरे की अध्यक्षता मेहमान शायर मुफ़्ती जमाल क़ासमी व संचालन वहीद मंसूरी ने बेहतरीन तरीके से किया। मुशायरे का आग़ाज़ हाफ़िज रसीद ने क़ुरआन की आयत से किया। जिसमे पसंदीदा शेरों पर सामईन ने दाद व तहसीन से शायरों को नवाज़ा पसंदीदा शेर इस तरह से है। राज़ दिल का बता दिया उसको फिर ये सोचा कि क्या किया हमने वहीद मंसूरी प्यार बिकता न प्यार है। झुकता प्यार पाकर भी खो दिया हमने मो फ़ारूक़ खा चाँद बहते पानी की तरह से देखो रास्ता खुद बना लिया हमने डॉ जावेद हसरत और होते निसार कर देते एक दिल था जो दे दिया हमने मास्टर अनवर नुरपुरी हाले दिल जब भी उसने पूछा है। चीर कर दिल दिखा दिया है शफ़ीक़ नूरीकर न पाया नफ़्स पे मै क़ाबू खुद को मुजरिम बना लिया मैंने शाहबुद्दीन हामी सीतापुरीअपने सर को कटा दिया हमने पर वतन को बचा लिया हमने मसूद गाज़ीपुर खता राह दूर भी मंज़िलbफिर भी वादा किया वफ़ा मैंने कमरूद्दीन राज़चाँद को आसमां पे रहने दो चाँदनी को बुला लिया मैंने सईद महमूदाबाद उनको दिल मे बसा लिया मैंने दिल नगीना बना लिया मैंने मुफ़्ती जमाल अहमद क़ासमी वही सऊदी अरब से अपने कलाम को भेजकर नशिस्त में हिस्सा लिया आकिल गौहर महमूदाबाद मुख्यरूप से मो इशरत खान,सिराज़ मंसुरी, एज़ाज़ खां,हाजी सैफुल इस्लाम,शुएब खान,सुहैल सनी के अलावा समाईन देर रात मुशायरे का आनंद लेते रहे।समापन पर बज़्म के सदर मो फ़ारूक़ खान चाँद सेक्रेटरी तबरेज़ खान ने सभी मेहमानो का शुक्रिया अदा किया। और आगामी 20 ,6 ,2025 को होने वाले नशिस्त के लिए मिसरे तरह तरीक़ा ज़िंदगी जीने का गर सीखा नही तूने।
रिपोट मोहम्मद फैसल सिद्दीकी